Monday, 23 March 2009

हमने कभी सोचा न था



जिन्दगी की राह पर जब हुई थी तुम से मुलाकात
सताएगी जब सारी दुनिया तुम दोगी मेरा साथ
हमने कभी सोचा था......
जालिम ये दुनिया जब ढाएगी सितम
मुझपर लगाओगे प्यार के मरहम
देखते ही देखते हालात यूँ बदल जायेंगे
राहों में फूल ही फूल खिल जायेंगे
हमने कभी सोचा था.........
आँखों के आंसू यूँ मोती बनकर बिखरने लगेंगे
दिल के ख्वाब यूँ हकीकत बनकर बरसने लगेंगे
पत्थर समझे मुझे दुनिया वाले मैं मोम हूँ,
तेरे सिवा किसी ने छूकर नहीं देखा
लोग तो फूलों की सेज पर चलतें हैं
तुम काँटों को गले लगाओगे
हमने कभी सोचा था...........
जब दुनिया हमे ठुकराएगी
तुम मुझे अपनाओगे
बुद्धू समझेगी जब सारा जमाना
बनुगा मैं तेरा दीवाना
प्यार के नशे में झूमता हुआ
गाऊंगा मैं तेरा तराना
हमने कभी सोचा था....
अब खुदा से है एक ही गुजारिश
ढा लेना चाहे मुझपे जितना सितम
उसके क़दमों में देना कोई जखम
खुदा तेरी ही रहमो करम पे वो इठलायेगी
प्यार के दो मीठे बोल गुनगुनायेगी
हमने कभी सोचा था........

No comments:

Post a Comment