Monday 13 April 2009

ये कैसा मूल्यांकन..??


("अभी हाल में लगातार दो-दो इंटरव्यू में मिली असफलता ने मुझे मुझे झकझोर कर रख दियाइन असफलताओं से मैं इतना आहात हुआ की मुझे हँसना और रोना दोनों एक साथ रहा थाआप भी सोचेंगे की हँसना और रोना दोनों एक साथ कैसे सम्भव है ? तो जनाब मैं हंस रहा था अपनी किस्मत पर, और रो रहा था अपनी असफलता परलेकिन हँसी में तो वो खनक थी, ना हीं आंसुओ में वो धारये तो महज एहसासों का संगम थाएक पल तो मैं बेहद घबरा भी गया था और मैं ख़ुद को भविष्य के गर्त में खोता हुआ पा रहा थालेकिन फि मैंने आपने मन के भीतर झाका और दिल से पूछा तो कुछ इस तरह आवाज़ आयी...")

हम ऐसे समाज में जी रहे हैं जहाँ मूल्यांकन का तरीका हीं कुछ इस कदर है। बचपन से हीं हम इम्तिहान में बैठते आ राहे हैं जहाँ पूछे सवालों का जवाब लिखना होता है और एक शिक्षक उसका मूल्यांकन करता है। जबकि जरुरी नहीं है की, शिक्षक को पहले से उन सारे सवालों के जवाब पता हों। जरुरी नहीं की हमारे जगह यदि शिक्षक को इम्तिहान में बैठा दिया जाय तो वह हमसे बेहतर अंक लायें। उसी तर्ज़ पर आगे चलकर युवा अवस्था में नौकरी पाने के लिए इंटरव्यू बोर्ड के सामने पेश होना होता है। बोर्ड के सदस्य अपने-अपने सवाल पूछते हैं। इंटरव्यू देने दौरान हमें उन सवालों का जवाब देना होता है,उसके आधार पर बोर्ड के सदस्य हमारा मूल्यांकन करते है। कुल मिलकर उस 10-15 मिनट के मौखिक सवाल जवाब के आधार पर हमारा भविष्य तैय कर दिया जाता है। यदि हम बोर्ड के सदस्यों से अपने मन का सवाल पूछ लें तो, जरुरी नहीं कि वे बेहतर जवाब दे पायें। सम्भव है,वे कुछ भी नहीं बता पायें। दफ्तर में, क्लास में या रियलिटी शो में कहीं भी मूल्यांकन करने वाले को श्रेष्ठ मान लिया जाता है और उम्मीदवार को उनकी तुलना में छोटे और कमतर। लेकिन यह सच हो, मैं तो ऐसा कतई जरुरी नही मानता। इसलिए मैं तो कहता हूँ मूल्यांकन के नतीजों पर नहीं, ख़ुद पर भरोसा करना चाहिए। यही हमारी जिन्दगी को आगे या पीछे ले जाने का मूलमंत्र साबित होती है। इसी सोच ने हमे एक बार फ़िर से चट्टान कि तरह नई चुनौतियों के लिए खड़ा कर दिया है। अब तक मैंने यही किया है, और आगे भी करूँगा। वैसे भी जिंदगी इन चंद सफलताओं और बिफलताओं पर ख़त्म नहीं हो जाती। चलते-चलते मै फ़िल्म "मदर - इंडिया " के इस गाने के साथ छोड़ जाता हूँ...अगले ब्लॉग तक...

"दुनियां में अगर आए हो तो जीना ही पड़ेगा, जिंदग है अगर जहर तो पीना ही पड़ेगा"

4 comments:

  1. मेरा एक दोस्त सत्यम कंपनी में काम करता था। रामलिंगराजू के घोटाले के बाद कंपनी के बहुत से इंजिनियरों को निकाल फेंका गया, मेरा दोस्त भी नौकरी खो बैठा। लेकिन उसने अपने परिवार की सहायता से एक छोटी सी खाने की दुकान खोल ली। उसकी पत्नी खाना बनाती है, और वह साइकिल पर सवार होकर लोगों के घर खाना पहुँचाता है। तीन ही महीने में वह मुनाफा कमाने लग गया है, और इस काम में उसका मन भी लग गया है।

    जो कुछ भी होता है, अच्छे के लिये होता है। हमेशा अपने आप पर भरोसा रखें।

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  2. mujhe nahi lagta aapko kisi saantwana ki avashyakta hai. aap khud ko paristithi ke anusaar is kadar dhaallete ho ki duniya ki badi se badi soch iske saamne feeki pad jati hai. Aapka anubhav hi is waqt aapka sabse achcha saathi aur shikshak hai. Uska hamesha moolyankan karo . aur kisiske moolyankan ki aapko jarurat nahi. jo khud samajh leta hai ki kya sahi hai aur kya galat, use kisi aur ke sahare ki bajaye sirf saath ki jarurat hoti hai. aur aapke sab saathi aapke saath ho. aap sahi ho sirf iska vishwas karo.

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  3. rakesh...yahi jeevan hai....
    ye hum par nirbhar karta hai ki hum kaise paristhitiyo ko sambhalen... asha karti hun,is daur me tum khud ko tutne nahi doge balki aur majbut hokar ubharoge... kahin par padha tha...

    "ki dusaron ki safalta ko dekhkar khud ko kam mat samjho..kyunki ek sadhaaran emaarat banane me jayada waqt nahi lagta hai , par ek pyramid banane me waqt zarur lagta hai..."

    behtar ke umid ke saath khud ko saabid karte raho... waqt humara bhi to aayega ek din...
    :-)) :-))

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  4. rakesh...yahi jeevan hai....
    ye hum par nirbhar karta hai ki hum kaise paristhitiyo ko sambhalen... asha karti hun,is daur me tum khud ko tutne nahi doge balki aur majbut hokar ubharoge... kahin par padha tha...

    "ki dusaron ki safalta ko dekhkar khud ko kam mat samjho..kyunki ek sadhaaran emaarat banane me jayada waqt nahi lagta hai , par ek pyramid banane me waqt zarur lagta hai..."

    behtar ke umid ke saath khud ko saabid karte raho... waqt humara bhi to aayega ek din...
    :-)) :-))

    PARUL...

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